Sanskritik Gaurav Sansthan
www.hindustangaurav.comदर्शन सांस्कृतिक गौरव संस्थान का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के मन और मस्तिष्क में यथाशीघ्र एक शान्तिमय क्रान्ति लाना है | • एक ऐसा वातावरण बनाना जहाँ हममें से साधारण व्यक्ति भी देश से सतत कुछ प्राप्त करते रहने की भावना से ऊपर उठकर देश को कुछ देने के लिए उद्यत होने वाला बने | • अपने संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों के प्रति सचेत करना तथा उनको पूरा करने के लिए एक-दूसरे की प्रेरणा बनना | • कर्म में उत्कृष्टता को प्रधानता देकर जीवन में रस और उल्लास का संचार करके स्वाभिमान और राष्ट्र प्रेम की अलख जगाना | • अपने राष्ट्र की गौरवमयी सांस्कृतिक निधि, सत्यनिष्ठा, अखण्डता एवं संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने का भागीरथ व्रत करना | • राष्ट्रीय स्वाभिमान जगाकर ऐसी परिस्थितियों का निर्माण करना जिससे बिना किसी भेद-भाव के देश का प्रत्येक नागरिक अपने अभ्युदय को अपनी योजना के अनुसार प्राप्त कर सके | अभियान की अनिवार्यता भारत के संविधान के अनुच्छेद 51क के ज्वलंत तत्त्व निम्नलिखित हैं : भारत की संप्रभुता, एकता और अखण्डता बनाए रखना और उसकी रक्षा करना | समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक निधि को सम्मान देना और उसका संरक्षण करना | भारतीय मूल्यों और सांस्कृतिक निधि के संरक्षण के बिना भौगोलिक भारत की रक्षा को कोई अर्थ नहीं है | भौगोलिक भारत के बिना समृद्ध भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव नहीं होगी | दोनों की ओर एक साथ ध्यान देकर तत्काल कार्रवाई अपरिहार्य है | भारत की विवशता यह है कि जहाँ अन्य संस्कृतियों (जैसे ईसाई, इस्लामी, नास्तिकवाद आदि) को फलने-फूलने के लिए अनेकानेक भौगोलिक क्षेत्र उपलब्ध हैं | वहाँ भारतीय मूल्यों, संस्कृति एवं मान्यताओं के पल्लवित होने के लिए भारत ही एकमात्र भूमि है | यही विकल्परहित आयाम इस अभियान की अनिवार्यता है |
Read moreदर्शन सांस्कृतिक गौरव संस्थान का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के मन और मस्तिष्क में यथाशीघ्र एक शान्तिमय क्रान्ति लाना है | • एक ऐसा वातावरण बनाना जहाँ हममें से साधारण व्यक्ति भी देश से सतत कुछ प्राप्त करते रहने की भावना से ऊपर उठकर देश को कुछ देने के लिए उद्यत होने वाला बने | • अपने संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों के प्रति सचेत करना तथा उनको पूरा करने के लिए एक-दूसरे की प्रेरणा बनना | • कर्म में उत्कृष्टता को प्रधानता देकर जीवन में रस और उल्लास का संचार करके स्वाभिमान और राष्ट्र प्रेम की अलख जगाना | • अपने राष्ट्र की गौरवमयी सांस्कृतिक निधि, सत्यनिष्ठा, अखण्डता एवं संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने का भागीरथ व्रत करना | • राष्ट्रीय स्वाभिमान जगाकर ऐसी परिस्थितियों का निर्माण करना जिससे बिना किसी भेद-भाव के देश का प्रत्येक नागरिक अपने अभ्युदय को अपनी योजना के अनुसार प्राप्त कर सके | अभियान की अनिवार्यता भारत के संविधान के अनुच्छेद 51क के ज्वलंत तत्त्व निम्नलिखित हैं : भारत की संप्रभुता, एकता और अखण्डता बनाए रखना और उसकी रक्षा करना | समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक निधि को सम्मान देना और उसका संरक्षण करना | भारतीय मूल्यों और सांस्कृतिक निधि के संरक्षण के बिना भौगोलिक भारत की रक्षा को कोई अर्थ नहीं है | भौगोलिक भारत के बिना समृद्ध भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव नहीं होगी | दोनों की ओर एक साथ ध्यान देकर तत्काल कार्रवाई अपरिहार्य है | भारत की विवशता यह है कि जहाँ अन्य संस्कृतियों (जैसे ईसाई, इस्लामी, नास्तिकवाद आदि) को फलने-फूलने के लिए अनेकानेक भौगोलिक क्षेत्र उपलब्ध हैं | वहाँ भारतीय मूल्यों, संस्कृति एवं मान्यताओं के पल्लवित होने के लिए भारत ही एकमात्र भूमि है | यही विकल्परहित आयाम इस अभियान की अनिवार्यता है |
Read moreEmployees statistics
View all employeesPotential Decision Makers
National Vice President
Email ****** @****.comPhone (***) ****-****